एडिटर विक्रम सेन की विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारत ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए “विकसित भारत परमाणु ऊर्जा मिशन” की शुरुआत की है।
केंद्रीय बजट 2025-26 में इस मिशन के लिए ₹20,000 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो देश के दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा अभियान की रीढ़ साबित होगा।
सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 8.8 गीगावाट से बढ़ाकर 100 गीगावाट तक ले जाना है।
जून 2025 का रोडमैप: छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर देंगे 10 गीगावाट योगदान
जून 2025 में जारी किए गए व्यापक परमाणु ऊर्जा रोडमैप में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को चरणबद्ध तरीके से कैसे प्राप्त करेगा।
इस योजना के अनुसार, छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) — जो अत्याधुनिक तकनीक, सुरक्षा और ऊर्जा दक्षता के लिए जाने जाते हैं — कुल क्षमता में 10 गीगावाट का योगदान देंगे।
ये रिएक्टर औद्योगिक इकाइयों, बंदरगाहों, तटीय क्षेत्रों और व्यापारी जहाजों में ऊर्जा आपूर्ति का मुख्य स्रोत बनेंगे, जिससे भारत को स्वच्छ, स्थिर और सतत ऊर्जा प्राप्त होगी।
₹19–20 लाख करोड़ का अनुमानित निवेश
सरकारी अनुमानों के अनुसार, “विकसित भारत” परमाणु ऊर्जा मिशन के क्रियान्वयन हेतु अगले दो दशकों में ₹19 से ₹20 लाख करोड़ के निवेश की आवश्यकता होगी।
यह निवेश सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत जुटाया जाएगा।
नीति आयोग और ऊर्जा मंत्रालय का मानना है कि यह भारत के ऊर्जा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा संरचनात्मक निवेश होगा।
कानूनी सुधारों से खुलेगी निजी क्षेत्र की भागीदारी
सरकार इस मिशन को सफल बनाने के लिए 1962 के परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम (CLND Act) में महत्वपूर्ण संशोधन करने जा रही है।
इन संशोधनों से पहली बार निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में प्रत्यक्ष भागीदारी की अनुमति मिलेगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार —“भारत अब अपने परमाणु कानूनों को आधुनिक रूप दे रहा है। यह निजी क्षेत्र को अनुसंधान, निर्माण और परियोजना संचालन में शामिल करेगा, जिससे देश में एक नई ‘परमाणु अर्थव्यवस्था’ का उदय होगा।”
स्वच्छ ऊर्जा और हरित विकास की दिशा में बड़ा कदम
“विकसित भारत” मिशन भारत की नेट ज़ीरो उत्सर्जन प्रतिबद्धता को भी सशक्त करेगा।
छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों से मिलने वाली स्वच्छ ऊर्जा देश की औद्योगिक वृद्धि, ग्रामीण विद्युतीकरण, और हरित आर्थिक विस्तार की आधारशिला बनेगी।
यह कदम भारत को वैश्विक ऊर्जा मंच पर स्वच्छ और आत्मनिर्भर शक्ति राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा।
मुख्य बिंदु संक्षेप में
बिंदु विवरण
मिशन नाम विकसित भारत परमाणु ऊर्जा मिशन
बजट (2025-26) ₹20,000 करोड़
लक्ष्य 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता
SMR से योगदान 10 गीगावाट
कुल निवेश अनुमान ₹19–20 लाख करोड़
कानूनी सुधार 1962 का परमाणु ऊर्जा अधिनियम व CLND अधिनियम में संशोधन
निजी भागीदारी पहली बार परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में अनुमति
मुख्य लाभ ऊर्जा आत्मनिर्भरता, स्वच्छ ऊर्जा, औद्योगिक विकास
“विकसित भारत” की दिशा, आत्मनिर्भर ऊर्जा की दृष्टि
यह मिशन केवल वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक नहीं, बल्कि नई ऊर्जा संस्कृति का आरंभ है — जिसमें भारत अपनी तकनीकी क्षमता, पर्यावरणीय जिम्मेदारी और नीति-साहस के साथ विश्व को स्वच्छ ऊर्जा का नेतृत्वकारी उदाहरण प्रदान करेगा।
